Tuesday, June 12, 2007

देमिंग

चलो आज बात करते है एक ऐसे व्यक्ति के विषय में जिसने गुणवत्ता को एक नया आयाम दिया। मैं बात कर रह हूँ एडवर्ड्स देमिंग के बारे में ।
इस व्यक्ति को १९४६ में अमेरिका ने जापान भेजा था। उन दिनों जापान का व्यापार द्वित्य विश्व युद्घ के परिणामों से उभर रह था। देमिंग का काम था ऐसे समय मे जापान कि मदद करना। देमिंग जी सांख्यकी (statistics) के विद्वान थे।
देमिंग का विचार था कि कोई भी दो वस्तु एक समान नही होती है। इस को उन्होने कहा वरिअशन (अंतर )। ये दो प्रकार के अंतर हैं साधारण अंतर (common cause) एवम असाधारण अंतर (assignable cause)
जीवन में इन दो प्रकार के अंतरों के बारे में जानना अत्यंत आवश्यक है।
साधारण अंतर वाह है जिस के कारण को आसानी से ढूँढा नही जा सकता है। जो की प्रकार्तिक है, बस होता है । अगर आप ऑफिस जाने में कभी ५ मिनट जल्दी या ५ मिनट लेट पहुँचते है तो उसका सीधे सीधे कोई कारण नही कहा जा सकता है। यह तो प्राकर्तिक है । यह तो हो गया साधारण अंतर ।

ओर एक दिन अगर आप १ घंटा लेट पहुंचे तो हो सकता है कि उसका कोई विशेष कारण होगा। आप का लेट आना एक कारण से हुआ है।जिस कारण का पता लगना मुश्किल नही है, क्योंकि कुछ तो असाधारण हुआ होगा। शायद रास्ता बंद हो गया या गाड़ी खराब हो गयी। तो ये हुआ असाधारण अंतर ।

देमिंग का कहना था कि आप असाधारण कारणों को अगर ठीक करने कि कोशिश करेंगे तो आपका काम अच्छा होता जाएगा। अगर आप साधारण अंतर को देख का उस को ठीक करने कि कोशिश करेंगे तो आपका काम अच्छा होने के बदले और भी बुरा ही होगा।

इस बात को समझाने के लिए वे लाल मोतीओं का एक खेल खिलते थे। जिसे RED BEAD Experiment कहा जाया है। इस विषय पर हम फिर कबी और बात करेंगे। आज बस इतना ही।

अधिक जानकारी के लिए पढे।
http://qualitygurus.com/gurus/list-of-gurus/w-edwards-deming/

Monday, June 11, 2007

भारत मे क्वालिटी

चलो बात करते है कि भारत मे क्वालिटी का क्या स्तर है । आज के समय में अगर हम देखे तो हर उपभोक्ता कम कीमत पर अच्छे से अच्छा माल खरीदना चाहता है। अब तो वो समय नही रहो कि आप जिस भी वस्तु का उत्पादन करेंगे लोग उसको खरीद ही लेंगे। ये वो समय नही जब लोग सालो साल बजाज स्कूटर के लिए, मारुति कार के लिए , गैस सिलेंडर, टेलीफोन कनेक्शन के लिए इन्तेजार करें । आज तो उपभोक्ता के पास कई रास्ते है।

हर सामान पहले से सस्ता और अच्छा मिल जाता है। चीन ने तो दुनिया को जैसे नींद से उठा दिया है । हर वस्तु इस हद तक सस्ती और अच्छी बना रहे कि पूरा विश्व ही हिल गया है ।

कहॉ है भारत हमारा । कब जागेंगे हम अपनी इस नींद से । शायद देर ना हो जाये। ये ना हो कि पूरी मार्केट को चीन समेट ले और हम अपनी इस गहरी नींद में ही सोये रहे।

जोगो मेरे देश के नागरिको। समय नही है अपने पास अब।

गुणवत्ता

गुणवत्ता या क्वालिटी , ये है इस ब्लोग का विषय ।